यूपी एटीएस ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित कर राष्ट्रीय सुरक्षा को भंग करने तथा राजस्व की हानि पहुंचाने वाले गिरोह के एक सक्रिय अभियुक्त को गिरफ्तार किया

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जौनपुर पिछले कई दिनों से एटीएस उत्तर प्रदेश को जौनपुर क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय गेटवे को बाईपास कर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के माध्यम से विदेशों (मुख्यतः मध्य पूर्व देशों) से आने वाली अंतर्राष्ट्रीय कॉल को स्थानीय कॉल में परिवर्तित करने की सूचना प्राप्त हो रही थी। अंतर्राष्ट्रीय गेटवे को बाईपास करने के कारण कॉल करने वाले की पहचान नहीं हो पाती, जिससे कट्टरपंथ, हवाला, आतंकी फंडिंग से संबंधित मुद्दों की संभावना बनी रहती है तथा राजस्व की हानि भी होती है।

ग्राउंड एवं इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के माध्यम से खुफिया जानकारी विकसित करते हुए एटीएस फील्ड इकाई वाराणसी ने जौनपुर के बक्शा थाना क्षेत्र में संचालित एक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज को चिन्हित कर कार्रवाई की।

एटीएस उत्तर प्रदेश ने जनपद पुलिस के सहयोग से कार्यवाही करते हुए अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालक अभियुक्त अशरफ अली पुत्र स्व. निसार अली निवासी जौनपुर को अवैध सिमबॉक्स व उससे जुड़े उपकरणों के साथ दिनांक 23.07.2024 को समय 10:35 बजे (डीओटी प्रतिनिधि के समक्ष) गिरफ्तार किया।

गिरफ्तार अभियुक्त जौनपुर के बक्शा थाना क्षेत्र के ग्राम दुल्लीपुर में अपने मकान में ही अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चला रहा था।

*प्रारंभिक पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि वह वर्ष 1997 से 2012 तक मुम्बई में रहकर कपड़े की फेरी लगाता था, जहां उसकी मुलाकात मुम्बई के भिवंडी निवासी जहांगीर से हुई, जिसने अभियुक्त को सऊदी अरब में रहने वाले मो. अली के बारे में जानकारी देकर बातचीत शुरू की। बातचीत के दौरान मो. अली ने अभियुक्त को सिमबॉक्स व्यवसाय के फायदे के बारे में बताया और कहा कि यदि वह तैयार हो तो घर बैठे पैसा कमा सकता है, इसके लिए आपको इंटरनेट, लैपटॉप व एक कमरे की व्यवस्था करनी होगी। अभियुक्त को कूरियर के माध्यम से मो. के पास भेजा गया। सिमबॉक्स से संबंधित उपकरण अली द्वारा उपलब्ध कराए गए थे तथा एनीडेस्क सॉफ्टवेयर के माध्यम से कॉन्फ़िगर किए गए थे। साथ ही गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि इस व्यवसाय से होने वाले मुनाफे को मो. अली अपने बैंक खातों में भेजता था। कभी-कभी स्थानीय व्यक्ति के माध्यम से नकद में भी पैसा भेजा जाता था। इस तरह एक महीने में करीब एक लाख रुपए का मुनाफा होता था।

अभियुक्त अशरफ अली इंटरनेशनल गेटवे को बायपास करके इंटरनेट के माध्यम से इंटरनेशनल कॉल को सिम बॉक्स पर लैंड करता था, जिससे वीओआईपी (इंटरनेट) कॉल सामान्य रूप से की जाती थी।

कॉल को वॉयस कॉल में परिवर्तित किया जाता है तथा कॉल करने वाले व्यक्ति के नंबर के स्थान पर सिम बॉक्स में लगे सिम कार्ड का नंबर कॉल प्राप्तकर्ता को प्रदर्शित किया जाता है, इससे कॉल करने वाले को ट्रैक करने में सहायता मिलती है।

पहचान स्थापित नहीं की जा सकी।

कार्यवाही के संबंध में एम.एस. धारा 231/2024

थाना बक्शा जिला जौनपुर में उपरोक्त मु0अ0सं0 219(2)/318(4)/319(2)/61(2) बी.एन.एस., 4/20/21/25 भारतीय तार अधिनियम 1885 एवं 3/6 भारतीय वायरलेस अधिनियम में अभियोग पंजीकृत किया गया है। प्री-एक्टिवेटेड सिम उपलब्ध कराने वाले बड़ी संख्या में रिटेलर तथा इस गिरोह के अन्य सदस्य भी ए.टी.एस. की रडार पर हैं, जिनके विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाएगी।

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण- 1-अशरफ अली पुत्र स्व. निसार अली निवासी दुल्लीपुर थाना बक्शा जिला जौनपुर।

बरामदगी-

सिमबॉक्स

एडेप्टर

4जी राउटर

प्री-एक्टिवेटेड सिम

मोबाइल

लैपटॉप

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