#Jaunpurnews- आखिर शिक्षक क्यों आया गुस्सा की छात्र की लोहे की रॉड से कर दी पिटाई, #UpTalkNews

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जौनपुर। अध्यापक का कार्टून वायरल होने पर बच्चे की लोहे राड से हुई जमकर पिटाई, मुकदमा दर्ज

जौनपुर। रामपुर थाना के धनुहां गांव में स्थित एक विद्यालय के अध्यापक का बच्चों द्वारा कार्टूनिस्ट वीडियो बनाने पर लोहे की राड से जमकर पिटाई की गई। जिससे बच्चों की हालत गंभीर हो गई, सूचना पर पहुंचे परिजनों ने थाने में लिखित तहरीर देकर विद्यालय के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। मामला 18 फरवरी का है।


बता दे कि जिले के रामपुर थाना क्षेत्र के नगर पंचायत के धनुहां गांव के संकरा रोड पर स्थित हृदय नारायण शिव मंगल एकेडमी विद्यालय स्थित है। जहां के प्रबंधक भाजपा नेता विजय शंकर पांडेय हैं। इसी विद्यालय के एक अध्यापक का अश्लील कार्टूनिस्ट वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हुआ। आरोप है कि जानकारी होने पर तमतमाए अध्यापक सुबह विद्यालय पहुंचे। उसके बाद विद्यालय में मौजूद कसेरू पट्टी थाना सुरेरी निवासी कक्षा 11 के छात्र खुशहाल गौड़ को कमरे में बंद कर प्रबंधक भाजपा नेता विजय शंकर पाण्डेय, उदय शंकर पाण्डेय व प्रकाश चंद दुबे ने बुरी तरह लोहे की रात एवं डंडे से पिटाई किया। जिसकी जानकारी अभिभावक लालजी गौड़ को हुआ। उन्होंने अपने ग्राम प्रधान को विद्यालय की करतूत की सूचना दिया जिसके बाद अभिभावक एवं ग्राम प्रधान रामपुर थाने पर पहुंचकर तहरीर दिया तहरीर के आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता धारा 115 (2) 352, 351(2) में मुकदमा पंजीकृत किया।


बच्चों के पिता लालजी और वह उनके पुत्र खुशहाल गौड़ तथा ग्राम प्रधान कमलेश सिंह की माना जाए तो प्रबंधक भाजपा पार्टी में नेतागिरी करते हैं जिसके दबाव में आकर थाना पुलिस ने दूसरे दिन तीनों को सोशल मीडिया पर कार्टूनिस्ट वीडियो वायरल करने एवं अन्य धाराओं में भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 (2) , 352, 351(2) 66 व 67a में मुकदमा पंजीकृत कर दिया है। ऐसे में विद्यालय परिवार का मनोबल ऊंचा हो गया है।
वहीं अभिभावक लालजी गौड़ का कहना है कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय की मान्यता जूनियर तक लिया गया है परन्तु विद्यालय बिना मान्यता के इण्टर कालेज तक चलाते हैं।


विद्यालय प्रबंधन का मनोबल बच्चों की पिटाई करने के बाद भले ही ऊंचा हो गया हो लेकिन जो भी बच्चा पिटाई होता देखा उससे बच्चों में भय का वातावरण व्याप्त हो गया है। दो दिनों से विद्यालय में बच्चों की संख्या कम होने से विद्यालय प्रबंधन भी चिंतित नजर आ रहे हैं।

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