72 घंटों से बर्फ पर खड़े होकर तपस्या रहे महराज, बने कौतूहल 

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श्रीमद्भागवत कथा में अचानक पहुंचे थे महराज

जौनपुर-जिले के खुटहन थाना क्षेत्र के बीरमपुर गांव के प्रसादपुर मजरे में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में राजस्थान से पधारे संदीप गिरी जी महराज सभी श्रद्धालुओं के लिए कौतूहल से कम नहीं हैं। वह 72 घंटों से बर्फ पर खड़े रहकर तपस्या के साथ साथ कथा श्रवण कर रहे हैं। वहां जुटे श्रद्धालुओं को तपस्या के बल पर ईष्ट को आसानी से प्राप्त कर लेने को प्रेरित भी कर रहे हैं। वह खुद को बाला जी का भक्त बताते हुए कहते हैं कि यह कठिन तपस्या उन्हीं की कृपा से पूर्ण हो पा रही है।

गांव निवासी हौसला प्रसाद तिवारी के आवास पर चल रही भागवत कथा में गत शुक्रवार को साधु वेश में अचानक एक अधेड़ ब्यक्ति पहुंच गए। आयोजकों ने उन्हें भी ब्यास पीठ के बगल आसन‌ पर बिठाना चाहा, लेकिन उन्होंने मना करने के बाद कहा कि मैं यहां बालाजी की प्रेरणा से आया हूं। हम कथा स्थल पर बैठने नहीं वल्कि यहां लगातार 101 घंटे बर्फ पर खड़े रहकर अपनी तपस्या पूरी करूंगा। शनिवार की सुबह बाजार से बर्फ मंगाई गई। पेड़ के नीचे पूजा पाठ के बाद वे बर्फ पर आसीन हो गये। 72 घंटों की तपस्या के दौरान उन्होंने सुबह और शाम को मात्र चाय पिया है। ताज्जुब यह भी है कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी वे लघुशंका तक नहीं गये। उन्होंने बताया कि राजस्थान के मेंहदी बालाजी के मंदिर पर पूजा पाठ करता हूं। उनकी जब और जहां के लिए प्रेरणा होती है। शरीर खुद ब खुद उधर पलायन करने लगता है। कथा श्रवण को आने वाले श्रद्धालु उनका भी आशिर्वाद ले रहे हैं।

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