बांदा-जिले के को-ऑपरेटिव बैंक का बड़ा मामला पकड़ में आया है जहां लखनऊ की टीम नें ओरन शाखा में गबन के मामले में बैंक कैशियर समेत तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट में पेश करने के बाद तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। गिरफ्तारी के लिए लखनऊ की टीम ने बिसंडा थाना पुलिस के साथ कार्रवाई को अंजाम दिया। पूरा मामला क्या है समझिये।जिला सहकारी बैंक की ओरन शाखा में वर्ष 2017 में गबन का यह मामला प्रकाश में आया था। बैंक के तत्कालीन उप महाप्रबंधक उदरेज कुमार ने अगस्त 2017 में बिसंडा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

उसमें बताया था कि 17 अगस्त को कैश लेने मुख्यालय का वाहन जाने पर ओरन ब्रांच कैशियर नीरज त्रिपाठी फरार हो गए थे। 18 अगस्त को उप महाप्रबंधक ने आनन-फानन इसकी जांच की।मामला गंभीर बताते हुए विस्तृत जांच के लिये उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा था।जांच के लिए गठित टीम ने बिना अधिकार पत्र अथवा चेक के ग्राहकों के खाते को डेबिड कर नीरज त्रिपाठी और शाखा प्रबंधक विजय शुक्ला समेत तीन लोगों ने 31 लाख 53 हजार का गबन किया गया था। साथ ही 63,734 रुपये की वित्तीय गड़बड़ी पाई गई। इसी दौरान प्रभारी शाखा प्रबंधक सर्वेश तिवारी के साथ कैशियर नीरज त्रिपाठी के साथ 4 लाख 19 हजार 900 रुपये का गबन और 2047 रुपये की वित्तीय अनियमित्तता के दोषी पाए गए। सात नंवबर 2017 को प्रबंधक विजय शुक्ला,प्रभारी शाखा प्रबंधक सर्वेश तिवारी और कैशियर नीरज त्रिपाठी के खिलाफ धोखाधड़ी समेत गंभीर धाराओं में दूसरी रिपोर्ट दर्ज की गई।लखनऊ से आई को-ऑपरेटिव सेल की टीम ने गुरुवार को कैशियर नीरज त्रिपाठी, प्रभारी कैशियर जग प्रसाद व एक अन्य कर्मी हरी प्रसाद कुशवाहा को गिरफ्तार कर लिया।