
जौनपुर-जिले के खुटहन थाना क्षेत्र के उसरौली शहाबुद्दीनपुर गांव से साढ़े तीन माह पहले से लापता चल रहे ब्यक्ति का खोजबीन कर थक चुके स्वजन थाने में गुमशुदगी दर्ज कराकर ऊपर वाले के भरोसे बैठ गये। गुरुवार को एक ऐसा पत्र आया जिसे पढ़कर पत्नी, पुत्र व अन्य स्वजनों की आंखों से खुशी के आशू बह निकले। पत्र में सभी का कुशल क्षेम पूछने के बाद प्रेषक ने अपना पता और मोबाइल नंबर के साथ साथ डेढ़ हजार रूपए भी भेजा था।

गांव निवासी 43 वर्षीय रुद्रप्रताप यादव बीते 24 सितंबर को घर से बगैर बताए कहीं चले गए। स्वजन हर संभावित ठिकानों पर तलाश करने के बाद थक हार कर थाने में तहरीर दिए। जिसके आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर लिया था। स्वजन मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा तक जाकर मिन्नतें मुरादें करने के बाद ऊपर वाले के भरोसे बैठ गए थे। गुरुवार को उनके घर एक रजिस्ट्री पत्र लेकर डाकिया राजू दूबे पहुंचे। उन्होंने गायब चल रहे रुद्रप्रताप की पत्नी समरत्थी देवी को बुलाकर पत्र रिसीव कराया। पूछने पर बताया कि पत्र भोपाल से किसी रुद्रप्रताप ने भेजा है। पति का नाम सुनते ही समरत्थी ने कांपते हाथों से पत्र लेकर खोला तो उसके भीतर डेढ़ हजार रुपए रखे मिले। भागता हुआ उनका पुत्र राना यादव वहां पहुंच पत्र पढ़ने लगा। जिसमें हाल चाल के अलावा प्रेषक ने अपना पता और मोबाइल नंबर लिखा था। जिस पर फोन मिलाया तो दूसरी तरफ से उसके पिता की आवाज आई। उनसे बात कर पत्नी, पुत्र सहित स्वजनों की आंखें भर आईं।

