जौनपुर। प्यार, त्याग और रिश्तों की परिभाषा को एक नए दृष्टिकोण से समझाने वाली एक अनोखी घटना जिले के सुइथाकला ब्लॉक अंतर्गत सराय मोहिउद्दीनपुर बाजार में सामने आई। यहां एक अरविंद विन्द युवक ने अपनी पत्नी के प्रेम संबंध को स्वीकार करते हुए खुद उसकी शादी उसके प्रेमी से मंदिर में करवाई और फिर भीगी आंखों से उन्हें आशीर्वाद देकर विदा भी किया।
यह दृश्य देखकर वहां मौजूद हर शख्स भावुक हो उठा। लोगों ने एक स्वर में युवक के इस फैसले को “त्याग की सच्ची मिसाल” करार दिया।
शादी के दो साल बाद खुला प्रेम प्रसंग का राज
जानकारी के अनुसार, दो वर्ष पूर्व चौकी सराय मोहिउद्दीनपुर क्षेत्र के एक गांव निवासी युवक की शादी खेतासराय थाना क्षेत्र की एक युवती से बड़े धूमधाम से हुई थी। विवाह के कुछ समय बाद तक सब कुछ सामान्य रहा। लेकिन धीरे-धीरे युवक को अहसास हुआ कि उसकी पत्नी का व्यवहार कुछ अलग है।
जांच-पड़ताल के बाद खुलासा हुआ कि युवती का विवाह से पहले एक युवक यशवंत बिंद से प्रेम संबंध था और वह अब भी उसी से बात करती है। शादी के कुछ ही महीनों बाद पत्नी मायके गई और वहीं से अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई।
पति ने निभाया फर्ज, पत्नी करती रही प्रेमी से बात
काफी प्रयासों के बाद पति पत्नी को वापस घर ले आया और संबंध सुधारने की भरपूर कोशिश की। लेकिन युवती ने ससुराल में रहने से साफ इनकार कर दिया और आत्महत्या तक की धमकी देने लगी। पत्नी की जिद और परिस्थिति को देखते हुए पति उसे नोएडा ले गया, जहां वह खुद काम करता था।
लेकिन वहां भी स्थिति नहीं बदली। पति के ड्यूटी पर चले जाने के बाद पत्नी अपने प्रेमी से फोन पर घंटों बातें करती थी। अंततः प्रेम और रिश्तों के इस द्वंद्व से तंग आकर युवक ने एक बड़ा फैसला लिया।
मंदिर में कराई पत्नी की प्रेमी से शादी, लोगों ने सराहा त्याग
सोमवार की शाम युवक अपनी पत्नी को लेकर नोएडा से जौनपुर लौटा और सराय मोहिउद्दीनपुर बाजार स्थित दुर्गा मंदिर में प्रेमी यशवंत बिंद को बुलाया। वहां मौजूद लोगों की मौजूदगी में उसने स्वयं पत्नी की शादी उसके प्रेमी से करवाई। शादी की रस्में विधिवत सम्पन्न हुईं और इसके बाद पति ने दोनों को अपनी शुभकामनाओं के साथ विदा कर दिया।
भावुक हुआ माहौल, लोगों ने दी मिश्रित प्रतिक्रियाएं
घटना की खबर जैसे ही फैली, क्षेत्र में यह चर्चा का विषय बन गई। एक तरफ जहां लोग पति के त्याग और सहनशीलता की सराहना करते नहीं थक रहे, वहीं दूसरी ओर विवाहिता के चरित्र पर सवाल भी उठाते दिखे।
कुछ लोगों ने इसे नारी स्वतंत्रता का गलत प्रयोग बताया तो कुछ ने युवक के व्यवहार को “आदर्श पति” की मिसाल कहा।
निष्कर्षतः, इस घटना ने यह साबित कर दिया कि प्यार सिर्फ पाने का नहीं, बल्कि त्याग का नाम भी होता है। जौनपुर की धरती पर घटी यह घटना लंबे समय तक लोगों के दिलों में एक मिसाल के तौर पर जिंदा रहेगी।