दीपक सिंह
जौनपुर-जिले के सिंगरामऊ रेलवे स्टेशन के हरिहरपुर रेलवे क्रासिंग के समीप 28 जुलाई 2005 को श्रमजीवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में हुआ था विस्फोट. विस्फोट काण्ड में 14 लोगों की हुई थी मौत, 50 से अधिक यात्री घायल हुए थे.कोर्ट की सुनवाई में कुल 43 गवाहों को कोर्ट ने सुनने के बाद सजा सुनाई है।

श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट: दोनों आतंकी दोषी, 18 साल पहले किया था धमाका; 14 लोगों की हुई थी मौत
श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट के दोनों आतंकियों को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फाँसी की सज़ा सुनाते हुए 5 -5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
जौनपुर जिले की अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट के महान जज राजेश राय ने आज श्रमजीवी विस्फोट कांड के मामले में दो आरोपियों को जो 2005 में हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस बम विस्फोट कांड के आरोपी बांग्लादेशी नागरिक हिलालुद्दीन व पश्चिम बंगाल का नफीकुल विश्वास को दोषी करार दिया था।बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश कुमार राय ने फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को दोषी करार होने के बाद फाँसी की सज़ा सुनाया साथी ही 5-5 लाख रुपए का जुर्माना भी दोनों आतंकियों पर लगाया।.

बता दें की आज अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश राय की कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है,जो 2005 में श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट के दोनों आरोपी आज जौनपुर कोर्ट में पेश हुए. जौनपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय में दोनों आरोपी कड़ी सुरक्षा के बीच पेश हुए. दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच जिला कारागार से न्यायालय ले जाया गया.था शाम 4 बजे सज़ा का ऐलान कोर्ट ने किया।.इससे पहले साल 2016 में दोनों आरोपी हिलाल उर्फ हिलालुद्दीन और नफीकुल विश्वास को हैदराबाद जेल से जौनपुर अदालत में तलब किया गया था.
2 अन्य आतंकियों को पहले ही सुनाई जा चुकी है मौत की सजा,
श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट में बांग्लादेश नागरिक आलमगीर उर्फ़ रोनी ने ट्रेन की बोगी में बम रखा था. वहीं, आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य ओबेदुर्रहमान पर बम बनाने का आरोप था. कोर्ट ने इन दोनों आतंकियों को 31 अगस्त 2016 को फांसी की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने दोषी बांग्लादेश नागरिक ओबैदुर्रहमान और आलमगीर उर्फ़ रोनी पर 10 लाख 30 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया था. हालांकि दोनों ने हाई कोर्ट में अपील डाल रखी है.
28 जुलाई 2005 को हुआ था श्रमजीवी एक्सप्रेस में ब्लास्ट, 14 लोगों की गई थी जान
28 जुलाई 2005 को जौनपुर जिले के सिंगरामऊ रेलवे स्टेशन के हरिहरपुर रेलवे क्रासिंग के पास श्रमजीवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में बम ब्लास्ट हुआ था. श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 12391 पटना से दिल्ली जा रही थी. विस्फोट काण्ड में 14 लोगों की मौत हो गई थी. जिसमे 2 यात्री जौनपुर के रहने वाले थे. घटना में 62 लोग घायल हुए थे. ट्रेन के गार्ड जफर अली की तहरीर पर जीआरपी थाने में केस दर्ज हुआ था.आतंकियों ने ट्रेन की जनरल बोगी में अटैची में बम रखा था.दिल्ली की स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार किये गए आतंकियों के अनुसार इस बम ब्लास्ट की साज़िश जुलाई 2005 में रची गयी थी।
आज सहायक शासकीय अधिवक्ता विरेंद्र प्रताप मौर्या ने बताया कि श्रमजीवी विस्फोट कांड में कुल तीन 43 गवाह पेश किए गए थे शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि श्रमजीवी ट्रेन विस्फोट मामले में कोर्ट ने हिलालुद्दीन जिनके ऊपर 302 149 307 149 148 आईपीसी में फांसी की सजा और 14 फॉरेनर्स एक्ट तहत व तीन विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 150,रेलवे एक्ट के तहत आजीवन कारावास वही 151रेलवे एक्ट के तहत 5 वर्ष की सजा दोनों आरोपियों पर को सुनाई है, अपर सत्र न्यायाधीश ने बांग्लादेशी आतंकवादी हिलालुद्दीन के ऊपर बम बनाने बम बांधने और पटना जंक्शन से ट्रेन में बम रखने का आरोप भी कोर्ट ने सिद्ध किया है वही दूसरे आरोपी हिलालुद्दीन मुख्य रूप से बांग्लादेश का रहने वाला आतंकवादी है वही नफीशूविश्वास जो पश्चिम बंगाल का रहने वाला है उसका रोल हिलालुद्दीन को बॉर्डर पर करना और साथ में ट्रेन में बम रखने का आरोप में कोर्ट ने सिद्ध किया है,28 जुलाई 2005 को हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट के मामले में बुधवार को बांग्लादेशी आतंकी हिलालुद्दीन और पश्चिम बंगाल के रहने वाले नफीकुल विश्वास को 22 दिसम्बर को दोषी करार दिया था है. कोर्ट ने 2 जनवरी 2024 को दोनों आरोपियों पर सजा तय करने के लिए तारीख नियत की थी जहाँ दोनों पक्षो ने सज़ा पर अपना अपना पक्ष रखा।सरकारी वकील ने मौत की सज़ा की माँग किया था जिसे आज कोर्ट ने सुना दिया।. इसके पहले दो अन्य आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी ।
Bite : वीरेंद्र प्रताप मौर्या,ज़िला शासकीय अधिवक्ता